पेंटिंग राजा रवि वर्मा - एक भारतीय नारी जब भी घोर निराशा मन को प्राणहीन कर छा जाती है, तभी किसी की स्मित शशि-छवि, मुझे प्राणमय कर जाती है । देवी! वह मलयज चन्दन सी, मोहमयी शीतल छाया सी, सुरकन्या सी आभा लेकर, कल्प-तरु जैसी काया भी, झगझोड़ जगा मुझको आँधी सी, नव-जीवन देकर जाती है । - विनय एस तिवारी
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